निर्देशक प्रसंध मामुल की फिल्म ‘मेटा द डैज़लिंग गर्ल’ ने कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ प्रायोगिक फिल्म का पुरस्कार जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। इस फिल्म का निर्माण शालीमार प्रोडक्शंस लिमिटेड के बैनर तले सहयोगी कंपनी त्रिशा स्टूडियोज लिमिटेड के साथ तिलोक कोठारी ने किया है। इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के बाद फिल्म को अगले साल ऑस्कर में भेजने की योजना बनाई जा रही है
‘मेटा द डैज़लिंग गर्ल’ एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों को एक अलग दुनिया में ले जाएगी। इस फिल्म के साथ एक अलग ही प्रयोग किया गया है. इस फिल्म में एक कहानी को एक ही किरदार के साथ पेश किया गया है. जिसमें कोई चेहरा नजर नहीं आएगा. इतना ही नहीं फिल्म में न तो कोई डायलॉग है और न ही कोई भाषा. इस फिल्म को नॉन डायलॉग सर्वाइवल फिल्म कहा जा सकता है.
फिल्म की कहानी की बात करें तो इस फिल्म की कहानी एक ऐसी लड़की के बारे में है जो एक ऐसी जगह पर अकेली फंस जाती है जहां उसे हर कदम पर मौत का सामना करना पड़ता है। वह जिंदगी और मौत के बीच कैसे जिंदा रहती है, यही इस फिल्म की मुख्य कहानी है। इस तरह फिल्म में एक नया प्रयोग किया गया है. इसीलिए इस फिल्म को कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्सपेरिमेंटल फिल्म का अवॉर्ड दिया गया है. फिल्म के निर्देशक प्रसाद मामुल ने बातचीत के दौरान कहा, ‘हम खुशी और कृतज्ञता से अभिभूत हैं।
फिल्म के निर्माता तिलोक कोठारी ने कहा, ‘यह फिल्म भाषाई और सांस्कृतिक सीमाओं को तोड़कर दर्शकों के दिलों तक पहुंची है।’ आपको बता दें कि यह फिल्म जयपुर फिल्म फेस्टिवल में टॉप तीन फिल्मों में जगह बना चुकी है. फिल्म के प्रचारक संजय भूषण पटियाला के मुताबिक इस फिल्म को अगले साल ऑस्कर में भेजने की योजना बनाई जा रही है.
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